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उत्तराखंड

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बदहाल प्रशासनिक व्यवस्था और विकास के मुद्दों पर उदासीन सत्तारूढ पार्टी

अभिनव इंडिया/सुरेंद्र शर्मा

कोटद्वार। शहर कोटद्वार की बदहाल होती प्रशासनिक व्यवस्था और विकास के मुख्य मुद्दों पर उदासीन नजर आ रही सत्तारूढ पार्टी के स्थानीय नेताओं एवं कण्वनगरी विधायक  की संवेदनहीन कार्य प्रणाली पर विधानसभा कोटद्वार के 2022 के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके पूर्व सैनिक सुनील बहुखंडी जबरदस्त आक्रोशित होकर बरसे। मिशन सांस्कृतिक कोटद्वार के अभियान के माध्यम से कोटद्वार गढ़वाल की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक ,सांस्कृतिक,  आध्यात्मिक उन्नति के लिए संघर्ष का परचम बुलंद करने का संकल्प लेकर कार्य कर रहे अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए  पूर्व सैनिक सुनील बहुखंडी ने अपने कार्यकर्ताओं को कण्वनगरी में जातिवाद, क्षेत्रवाद व तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर अपने क्षेत्र हित में आमजन के मूद्दो की लडाई के लिए मुखर होने का मूल मंत्र दिया।  उन्होंने कहा कि 4 फरवरी 2022 को कोटद्वार की तमाम समस्याओं को लेकर के पूर्व सैनिक संगठनों ने मातृशक्ति के साथ मिलकर विशाल जनाक्रोश मार्च निकाला। उन्होंने कहा कि यह सारी समस्याएं, तो समुचित समाधान के लिए पहले ही आकलन करके हमारे द्वारा कदम निकाला जा चुका था और उन्हें मिशन सांस्कृतिक कोटद्वार के माध्यम से विधानसभा चुनाव में विभिन्न कोटद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में 51 मीटिंग /जनसभाए करके पहुंचने का प्रयास किया गया। जिसको लेकर आज परिणाम हम सबके सामने है कि उन समस्त चिताओं/ समस्याओं को विधानसभा कोटद्वार के अंदर चुनाव के 2 साल बाद भी न केवल जस का तस देखा जा रहा है। बल्कि हालात बद से बदतर की ओर नियंत्रण बढ़ रहे हैं।  मालन नदी का पुल क्षतिग्रस्त करने के पीछे कोटद्वार की दलदल बन चुकी दलगत राजनीति के मुनाफाखोर और पार्टी के लिए चुनाव के दौरान फंड देने वाले ठेकेदार,माफिया लोग जिम्मेदार हैं।  जिन्हें कोटद्वार की राजनीति में पार्टी के द्वारा विशेष रूप से पोषित किया जाता रहा है।  दुर्भाग्य का विषय है कि कोटद्वार विधायक जो की विधानसभा अध्यक्ष भी हैं। वे अनावश्यक मुद्दों पर सक्रिय नजर आती हैं जबकि कोटद्वार के जरूरी मुद्दों को हाशिए पर रखकर 2 साल बिता चुकी हैं।  शेष & साल के कार्यकाल में वे कोटद्वार को किसी उल्लेखनीय मुकाम तक पहुंच पाएं, ऐसी संभावना नहीं लगती। उन्हीं की पार्टी के  पिछले विधायक की तरह अपना कार्यकाल पूरा करके टाटा गुड बाय करके किसी और विधानसभा में चले जाएंगी। जैसा कि उनका ट्रैक रिकार्ड रहा है।  वहीं दूसरी तरफ कोटद्वार पर अवसरवादी और दल बदलू नेता निरंतर थोपे जाते रहे हैं। जो अपनी संकुचित राजनीति से कोटद्वार का बंटाधार ही करते आए हैं।  ऐसे में कोटद्वार के हित के लिए रूस््य को मुख्य मुद्दों पर निरंतर संघर्ष करना पड़ेगा। इसके लिए मिशन सांस्कृतिक कोटद्वार के सभी कार्यकर्ताओं को, मातृशक्ति शकुंतला ग्रुप और संगठित सैन्य शक्ति के बंधुओं को निरंतर मजबूती के साथ जनहित की लड़ाई को लडऩे के लिए कार्य करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मोटर नगर का बस अड्डा दशकों से निर्माणाधीन पड़ा है और उसके नीव पर लगा हुआ सरिया लोहा भी जंग खा चुका है। लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं है। जनता को अपार असुविधा का सामना करना पड़ता है। वहीं पूर्व सैनिक बहुल होने के बावजूद एक सेंटर स्कूल तक खोलने की हैसियत नहीं दिखती है। लेकिन आम जनता व  पूर्व सैनिकों को बेवकूफ बनाते नजर आते हैं। बदहाल टूटी सडक़ और आधारभूत  ढांचे की जगह अतिक्रमण, शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार की बदहाली के अलावा कोटद्वार में अपराधियों का, अवांछनीय आबादी का निरंतर आगमन हो रहा ह।  वह कोटद्वार को अपना लॉन्चिंग पैड बनाकर निरंतर पलायन से खाली पड़े हुए पहाड़ों में दाखिल होते जा रहे हैं। जहां से लव जिहाद भूमि अतिक्रमण  गौ मांस बिक्री आदि सामाजिक कार्य चोरी अपराध लूटपाट की घटनाएं, निरंतर भोले भाले ग्रामीण क्षेत्रों में पहाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में कोटद्वार के माध्यम से निरंतर सामने आ रही है। मगर पुलिस प्रशासन और मौजूदा राजनीति इन सबसे बेखबर केवल चालान काटने और पैसा उगाहने में ही व्यस्त है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम भी ऐसे लोगों का सत्यापन करने की बजाय केवल अपनी उगाई के काम में ही रमा हुआ नजर आता है। ऐसे में कोटद्वार की आम जनता ,,बहनें बेटियां बिल्कुल असुरक्षित होती जा रही है  और शासन प्रशासन इनके प्रति किसी प्रकार की भी सुरक्षात्मक रूप से जिम्मेदार नजर नहीं आ रहा है7 मानो सवारी अपने सामान की जिम्मेदार खुद हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कण्वाश्रम के जीर्णोद्धार और नव निर्माण के लिए मुख्यमंत्री जी से समक्ष इस मामले को उठाया जाएगा और साथ ही साथ कोटद्वार की डिफेंस लैंड पर बसाई हुई समुदाय विशेष की बस्ती को के अतिक्रमण को खाली करके डिफेंस लैंड को वापस सेना के हवाले करने के अभियान को मजबूती से प्रारंभ किया जा रहा है। कोटद्वार के समस्त पूर्व सैनिक  संगठनों को लामबंद करके इस अभियान को तेजी दी जाएगी ताकि अदालत में लंबित मामला जल्दी से सेटल हो सके और डिफेंस लैंड वापस त्रक्रक्रष्ट को मिल सके।  जिस पर पूर्व सैनिकों के लिए मिलन केंद्र, सेंट्रल स्कूल और सैनिक कल्याण के लिए कार्यालय स्थापित होना चाहिए न कि अवैध अतिक्रमण बस्ती। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गर्वनर उत्तराखंड और सैनिक मामलों के मंत्री श्री गणेश जोशी  से 7 सदस्य शिष्ट मंडल के साथ मिशन सांस्कृतिक देवभूमि चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से मुलाकात करके इन समस्याओं को और उनके समाधान के तौर पर डिटेल प्रोजेक्ट सौंपा जाना है।

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