logo

  • 02
    05:05 pm
  • 05:05 pm
news-details
शख्सियत

Vama-Utsav-dedicated-to-renowned-artist-Gogi-Saroj-Pal

वामा उत्सव प्रख्यात कलाकार गोगी सरोज पाल को समर्पित 
अभिनव इंडिया/योगी
नई दिल्ली।
प्रख्यात कलाकार गोगी सरोज पाल के निधन पर वामा उत्सव को दिल्ली सरकार ने गोगी सरोज पाल को समर्पित किया। कला उत्सव वामा के उद्घाटन के मौके पर दिल्ली सरकार के कला और संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रतिष्ठित कलाकार गोगी सरोज पाल के आकस्मिक निधन पर हम गहरा शोक जताते हैं। कला उत्सव वामा को हम गोगी सरोज पाल जी को समर्पित करते हैं। उन्होंने नारीत्व के गहन आख्यानों को कई रूपों में अपने कैनवास पर उतारा है। उनकी कला हमें नारीत्व के विविध रंग दिखाती है। भले ही उनके ब्रशस्ट्रोक ने कैनवास का साथ छोड़ दिया हो, लेकिन उनकी विरासत आने वाली पीढिय़ों का मार्ग प्रशस्त करती रहेगी।
साहित्य कला परिषद द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में 37 समकालीन महिला कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की गईं। छह दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में कलाकारों की पेंटिंग, चित्र, प्रिंट, ग्राफिक्स, मूर्तिकला आदि विविध कलात्मक अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है। यह प्रदर्शनी एक फरवरी तक लोगों के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी में गोगी सरोज पाल, शोभा ब्रूटा, कंचन चंदर, मीना देवड़ा, संतोष जैन एवं इंदु त्रिपाठी जैसी दिग्गज कलाकारों की कलाकृतियां मौजूद हैं। साथ ही आरती कश्यप, आरती मलिक, अल्पना महाजन, अनीता तंवर, अंजलि सिंह, अंजू कौशिक, अवनीत चावला, अन्नू गुप्ता, अवनि बकाया, बुला भट्टाचार्य, दीपा पटोवरी, दिव्या गुप्ता, गुलिस्तान, गुलबहार, हेमवती गुहा, हिम रजनी नागर, केजिया खान, मधु, नीति जोशी, नीतिक्षा डावर, नुसरत जहां, प्रीति सिंह, प्रियांशु चौरसिया, रेनू जैन, सलोनी टोंडक, सीमा मोहले, सिम्मी खन्ना, सोनम चपराना, तान्या राणा, टिम्सी गुप्ता और वंदना जैसी कलाकारों के आर्टवर्क्स पर भी सभी की नजरें रहेंगी।
प्रदर्शनी में बुला भट्टाचार्य के विचारोत्तेजक डिजिटल प्रिंट, खोज-1 और खोज-2 में कलाप्रेमियों को अभिलेखीय कागजात के जरिये चेतना की प्रकृति और मानसिक अस्तित्व की पहेली को समझने में मदद मिलती है। ये कलाकृतियां स्वयं एवं बाहरी दुनिया के अनदेखे पहलुओं को उजागर करती हैं। वहीं, उभरती कलाकार वंदना कुमारी बीइंग अ गर्ल चाइल्ड और इन डीप फैंटेसी जैसी प्रभावशाली पेंटिंग्स के माध्यम से हिंसा, लैंगिक असमानता और सामाजिक दबाव जैसे सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालती हैं। उनकी कला सामाजिक चुनौतियों के बीच मानवीय स्थिति को दर्शाते हुए महिलाओं की वैश्विक मुक्ति की पैरवी करती है।
इसी तरह, अन्नू गुप्ता की चेंजिंग मैट्रिक्स समय और स्पेस की परस्पर क्रिया की पड़ताल करती हुई व्यक्तिगत अनुभव और जीवन के विशिष्ट अर्थ को नया आयाम देती है। उनकी दूसरी कला-रचना द पासिंग्स बाय, सामाजिक परिवर्तनों और शहरीकरण को प्रतिबिंबित करती हुई शहरी जीवन में स्पेस की जरूरत पर प्रकाश डालती है। प्रदर्शनी में अनिता तंवर की 2 सखिया नमक पेंटिंग भी सबका ध्यान खींचती है। जिसमें कलाप्रेमी रंगों के संयोजन के माध्यम से भावनात्मक गहराई महसूस करते हैं। इसी तरह प्रीति सिंह का आर्टवर्क हैबिटेट हिमाचल प्रदेश में उनके ग्रामीण परिवेश से प्रेरित है, जिसमें पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता, भूमि और जल पर जीवन, प्राकृतिक आवास, सांस्कृतिक विरासत, आवास का नष्ट होना जैसी चिंताएं स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती हैं। आर्ट गैलरी में रेनू जैन की कलाकृति इंटरट्विंड विद नेचर में प्रकृति के साथ जीवन का सीधा जुड़ाव दिखता है। उनकी कलाकृति शहरी संरचनाओं में मानवीय भावनाओं को कैनवास पर उकेरती है। इसके अलावा, अंजू कौशिक की कलाकृति और टिम्सी गुप्ता की मूर्तियां सिम्फनी और पाथ ऑफ लाइफ भी दर्शनीय हैं।
 

You can share this post!

Comments

Leave Comments