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सीएम फ्लाइंग ने किया किडनी रैकेट का गुडग़ांव में भंडाफोड़

- जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में की गई थी किडनी ट्रांसप्लांट

- फेसबुक पर विज्ञापन देखकर एजेंट से किया था संपर्क

- फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनाकर दो महीने पहले भेजा गया था भारत

- रुपए लेकर बेची थी किडनी, गुडग़ांव के होटल में दिया जा रहा था डे-केयर

धर्मेंद्र कौशिक/प्रधान संपादक

गुडग़ांव। सीएम फ्लाइंग और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुडग़ांव में किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह रैकेेट राजस्थान के जयपुर में चलाया जा रहा था। टीम ने गुडग़ांव के सेक्टर-39 के बाबिल पाला होटल में रेड की तो उन्हें बांग्लादेश मूल का मोहम्मद शमीम नाम का युवक मिला। जिसकी किडनी को जयपुर फोर्टिस अस्पताल में निकाला गया था। जिसे इसी होटल में डे केयर दिया जा रहा था। टीम ने गेस्ट हाउस में ठहराए गए किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले चार मरीजों को पकड़ा है। वहीं पुलिस ने रैकेट संचालक सहित अन्य पर केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।

स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ डॉ पवन चौधरी ने बताया कि सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली कि गुडग़ांव में एक होटल के जरिए किडनी प्रत्यारोपण रैकेट चल रहा है। इस पर स्वास्थ्य विभाग के डीएमएस डा. मनीष राठी, सर्जन डा. विवेक सीएम फ्लाइंग के इंस्पेक्टर धर्मवीर, एसआई मदन, एएसआई अशोक की टीम ने सेक्टर-39 के बाबिल पाला होटल में रेड की। यहां गेस्ट हाउस संचालक रोहित मिला और उसने गेस्ट हाउस में ठहरे लोगों के बारे में जानकारी दी। टीम को मौके पर बांग्लादेश मूल का शमीम नामक व्यक्ति मिला। जिसकी किडनी निकाली जा चुकी थी। शमीम ने बताया कि वह बांग्लादेश में मोबाइल शॉप चलाता है। फेसबुक पर किडनी प्रत्यारोपण का विज्ञापन देखकर उसने झारखंड के रांची निवासी मोहम्मद मुर्तजा अंसारी नानक एजेंट से संपर्क किया। जिसने बांग्लादेश की करेंसी के मुताबिक उसे चार लाख टका दिए जाने का सौदा तय किया। यह राशि लेकर उसने किडनी देने के लिए लिए डील फाइनल कर दी। एजेंट ने ही उसके फिंगरप्रिंट लेकर उसका फर्जी पासपोर्ट बनवाया और करीब दो महीने पहले भारत भेज दिया। यहां उसका फोर्टिस अस्पताल जयपुर में ऑपरेशन किया गया और कुछ दिन पहले ही उसे गुडग़ांव में शिफ्ट किया गया है।

थाना प्रभारी का कहना:

सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अर्जुन देव ने कहा कि सदर थाना पुलिस ने रैकेट संचालक सहित अन्य पर केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है। गिरोह को संचालित करने वाला मुख्य आरोपित मो. अंसारी सहित अन्य फरार हैं। आरोपितों की तलाश में छापेमारी जारी है।  जल्द ही एक टीम जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में जाकर भी पूछताछ करेगी।

अस्पताल के कर्मचारियों से थी मिलीभगत:

गेस्ट हाउस में मिले मरीजों से पूछताछ में पता चला कि मो. अंसारी नाम का युवक इन सभी को यहां लेकर आया था। जिन मरीजों का ट्रांसप्लांट नहीं हुआ था, उन्हें जयपुर के फोर्टिस अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया था। वहीं दो मरीजों का ट्रांसप्लांट फोर्टिस से कराकर यहां लाया गया था। यह भी पता चला कि एजेंट अंसारी की जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में कुछ कर्मचारियों के साथ मिलीभगत थी।

पहले भी पकड़ा गया था किडनी रैकेट:

किडनी रैकेट का गुडग़ांव का यह कोई पहला मामला नहीं है। साल 2008 में भी इसी तरह का एक मामला गुडग़ांव के पालम विहार क्षेत्र में सामने आया था। जहां उत्तर प्रदेश से लोगों को लाकर उनकी किडनी निकाली जाती थी और यह किडनी संयुक्त राज्य अमेरिका, युनाइटेड किंगडम, कनाडा, सउदी अरब और ग्रीक के ग्राहकों को प्रत्यारोपित की जाती थी। इस घोटाले के आरोपी डॉ अमित कुमार को 7 फरवरी 2008 को नेपाल से गिरफ्तार किया गया था।  इस रैकेट के गुडग़ांव में चलाए जाने की सूचना भी उत्तर प्रदेश के एक गेस्ट हाउस से मिली थी। जब पुलिस ने गुडग़ांव में छापा मारा तो यहां से करीब दो दर्जन लोगों को छुड़ाया गया था। यहां किडनी निकालने के लिए पहले उन्हें नौकरी के लालच में क्लिनिक में बुलाया जाता था और किडनी निकलवाने के लिए 30 हजार रुपए का लालच दिया जाता था। जो लोग इसका विरोध करते थे उन्हें दवा देकर उनकी इच्छा के विरुद्ध उनकी किडनी निकाल ली जाती थी। अब 16 साल बाद एक बार फिर गुडग़ांव में पकड़े गए इस किडनी रैकेट ने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए हैं। 

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